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Tuesday, February 23, 2010

मूल राजस्थानी (शिवराज भारतीय ) हिंदी अनुवाद - राजेश्वरी पारीक "मीना"

रंग- रंगीला अपना देश
अजब -निराला अपना देश
मस्तक मुकुट हिमालय सोहे
सागर इसके चरणन धोये
ताल-तलैया धोरे- पर्वत
रूप सुहाना मन को मोहे
सींचे नदियाँ सारा देश
हरा-भरा मतवाला देश
हर दिन उत्सव यहां मनाते
रीत रिवाजे यहां निभाते
होली और गणगौर पर्व पर
हिल -मिल गीत प्रीत के गाते
पहने रंग- रंगीले वेश
अजब- निराला अपना देश
दीयों का त्यौहार दिवाली
धूम -धड़ाके लेकर आती
भाईचारे -प्रेम की बातें
हमको मीठी ईद सिखाती
नाचे- गाये मौज मनाएँ
वैशाखी देती संदेश
आजादी का दिन जब आता
बलिदानों की याद दिलाता
देश के हित में मर मिटने का
सब बच्चो को पाठ पढाता
झंडा फ़हरे पुरे देश
छैल -छबीला अपना देश

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