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Sunday, March 28, 2010

पाळगोठ

पांच - च्यार घरां बिचाळै

पळज्यै

गंडकां रो परवार

पण

दो‘रा हुज्यै पळना

बडेरा मां-बाप

पांच-च्यार बेटां बिचाळै।

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